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मुजफ्फरपुर में नौकरी के बदले 100 से ज्यादा लड़कियों के शोषण के मामले में यूपी से बड़ी गिरफ्तारी हुई है। नेटवर्किंग केस में एसआईटी ने इस मामले में गोरखपुर से तिलक कुमार को गिरफ्तार किया है। ये वही आरोपी है, जिसका एक लड़की और पिस्टल के साथ फोटो वायरल हुआ था। हालांकि पुलिस पिस्टल बरामद नहीं कर सकी है।
आरोपी तिलक पर ही पीड़िता के साथ यौन शौषण और मारपीट का आरोप लगाया है। पुलिस फिलहाल आरोपित को कस्टडी में लेकर गहनता से पूछताछ कर रही है। सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने इसकी पुष्टि की है। उन्होने कहा कि पुलिस पीड़िता द्वारा लगाए सभी आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है।
दरअसल डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी में काम करने वाली तीन लड़कियों ने पुलिस को बताया है कि नशे की गोली खिलाकर उन्हें मारा-पीटा गया और जबरन शारीरिक संबंध बनाये गये। पीड़ित लड़कियों की संख्या 100 से अधिक बतायी जा रही हैं। बिहार, यूपी से लेकर नेपाल तक नेटवर्किंग कंपनी की शाखाएं हैं।
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मुजफ्फरपुर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, सीवान, गोपालगंज समेत बिहार के 10 से अधिक जिलों में लड़कियों का शारीरिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। यह दावा अहियापुर नेटवर्किंग मामले में सारण की पीड़िता ने पुलिस के समक्ष दिए बयान में किया है। इस बीच दो अन्य पीड़ित युवतियों ने मामले को लेकर पुलिस से मौखिक शिकायत की है।
इस केस में सारण की युवती की शिकायत पर अहियापुर पुलिस ने सोमवार शाम को नेटवर्किंग कंपनी के बखरी स्थित कार्यालय पर छापा मारा। वहां दूसरी कंपनी का बैनर लगाकर चार दर्जन युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। पुलिस ने वहां प्रशिक्षण दे रहे आधा दर्जन युवकों को हिरासत में लिया।
नेटवर्किंग कंपनी ने पीड़ितों को अलग-अलग जगह बुलाकर पहले इंटरव्यू लिया गया। फिर सेलेक्ट होने की सूचना देते हुए ट्रेनिंग के लिए 25-25 हजार रुपये लिए गए। ट्रेनिंग में जाने पर कम से कम दो और लोगों को जोड़ने का टास्क दिया गया। इसके बाद इनकी पोस्टिंग दूसरे जिलों में की गई, जहां इन्हें पहचानने वाला और मदद करने वाला कोई न हो।
