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पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोजपा (RLJP) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने अपने एक्स हैंडल से ‘मैं हू मोदी का परिवार’ का टैग हटा दिया है। इससे साफ हो गया है कि उन्होंने एनडीए से अपना नाता पूरी तरह से तोड़ लिया है। पारस दो दिनों से पटना में हैं और 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं। वह अपनी पार्टी के नेताओ-कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श कर रहे हैं। रालोजपा के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने गुरुवार को बताया कि पशुपति कुमार पारस हर हाल में हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, पार्टी के सांसद प्रिंस राज समस्तीपुर से मैदान में उतरेंगे। वह अकेले मैदान में जाएंगे या किसी अन्य दल के साथ, इस पर पार्टी कुछ भी नहीं बोल रही है। पर, सूत्र बताते हैं कि महागठबंधन से चुनाव लड़ने को लेकर रालोजपा की बात राजद से हो रही है। पर, इस बातचीत का कोई नतीजा अभी-तक नहीं निकला है।
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा था कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट पर पशुपति कुमार पारस को टक्कर देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने साथ ही अपने चाचा पारस पर सीधे हमला करने से बचते हुए कहा कि यह उन्हें तय करना है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़े रहना चाहते हैं या नहीं। चिराग पासवान ने कहा कि इस बात पर सर्वसम्मति थी कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे जबकि चार अन्य सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी।
भतीजे चिराग के खिलाफ ताल ठोकेंगे चाचा? पशुपति पारस की महागठबंधन से दो सीटों पर चल रही बात
गौरतलब है कि पारस ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारा समझौते से उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) को बाहर रख कर उसके साथ ‘अन्याय’ किया है। पारस के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा भाजपा के नेतृत्व वाले राजग द्वारा सीट-बंटवारे का ऐलान करने के बाद आई। पारस के दावों को दरकिनार कर भाजपा ने चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) को पांच सीट दी है।
