Pashupati Paras gets shock from Nitish government order issued to vacate RLJP party office in Patna

Pashupati Paras gets shock from Nitish government order issued to vacate RLJP party office in Patna


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पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को बिहार की नीतीश सरकार से बड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को पारस की पार्टी रालोजपा से पटना स्थित दफ्तर खाली करने को कहा है। इस संबंध में भवन निर्माण विभाग की ओर से शुक्रवार को आदेश भी जारी किया गया। विभाग का कहना है कि पशुपति पारस की पार्टी इस घर का नवीनीकरण यानी रिन्यू कराने में विफल रही है। इसका नवीनीकरण साल 2019 से लंबित है। 

पटना एयरपोर्ट के पास व्हीलर रोड है जिसे अब पीर अली खान मार्ग के नाम से जाना जाता है। इस मार्ग पर स्थित मकान नंबर 1 को 2006 में दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को अपना कार्यालय चलाने के लिए आवंटित किया गया था। रामविलास के निधन के बाद जब लोजपा में टूट हुई तो पशुपति पारस के गुट वाली पार्टी राष्ट्रीय लोजपा का दफ्तर इस भवन से चलने लगा। 

भवन निर्माण विभाग के उप सचिव शिव रंजन के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि पार्टी कार्यालय चलाने के लिए आवासीय भवन दो साल की अवधि के लिए आवंटित किए जाते हैं। इस आवंटन की अवधि को आगे बढ़ाना है तो नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होता है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आवेदन प्राप्त होने के बाद ही नवीनीकरण किया जाएगा, अगर पार्टी के खिलाफ कोई बकाया नहीं है। अगर नवीनीकरण नहीं किया जाता है, तो आवास को तुरंत खाली करना होगा। 

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2021 में लोजपा के दो हिस्सों में बंट जाने के बाद इस घर का इस्तेमाल लोजपा (राष्ट्रवादी) गुट के पार्टी कार्यालय के रूप में किया जा रहा था – केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (आरवी) और 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस के नेतृत्व वाली लोजपा (राष्ट्रवादी)। 2024 के लोकसभा चुनावों में पारस लोजपा (आरवी) गुट के हाथों भाजपा के पक्ष में हार गए और उन्हें बिहार में कोई भी टिकट नहीं दिया गया। चिराग की पार्टी ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर जीत हासिल की। ​​

मामले से परिचित अधिकारियों ने कहा कि भवन निर्माण विभाग की ओर से दो- तीन महीने पहले नोटिस भी दिया गया। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री बन गए हैं और सरकार से उनके चाचा पशुपति पारस साइडलाइन हो गए हैं। ऐसे में चिराग अपने पिता की विरासत के रूप में इस आवास पर दावा पेश करने के मूड में हैं। हालांकि, पारस की रालोजपा और चिराग की लोजपा रामविलास की ओर से अभी तक कोई भी बयान नहीं दिया गया है।

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