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बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने नर्स सहित 45 हजार पदों पर इसी साल अक्टूबर तक बहाली पूरा करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अब नियुक्ति में देरी की आशंका है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने बिहार में आरक्षण सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के फैसले पर रोक लगा दी। ऐसे में जब तक सामान्य प्रशासन विभाग से इस मामले में स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं होगा, तक तक नियुक्ति में पेच फंसा ही रहेगा। इस कारण अभ्यर्थियों को अभी और इंजतार करना होगा। बहाली में देरी की संभावना से उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है जो इन पदों के लिए तैयारी करते हैं। मंगल पांडे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं।
वैकेंसी को लेकर दुविधा की स्थिति यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण सहित कुल 75 प्रतिशत की दर से आरक्षण लागू होगा या फिर पुराने हिसाब से। जब तक आरक्षण प्रतिशत फाइनल नहीं होगा, तब तक रिक्ति रोस्टर कि हिसाब से तैयार नहीं हो सकेगा। चिकित्सक, दंत चिकित्सक, नर्स, एएनएम, जीएनएम, सीएचओ और पारा मेडिकल सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग ने कार्रवाई तेज की थी।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में रिक्ति आरक्षण रोस्टर के हिसाब से मांगा था। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1339 सहायक प्राध्यापक नियुक्त होने हैं। 3523 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, 396 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी नियुक्त होने हैं। संविदा के आधार पर 1290 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारियों भी नियुक्ति होनी है। इन सभी पदों पर बहाली में हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद देरी होगी।
इधर स्वास्थ्य विभाग ने नई बहाली का भी ऐलान कर दिया है। हेल्थ सब सेंटर और हेल्थ वेलनेस सेंटरों में 4500 कम्युनिटी हेल्थ अफसर के लिए बहाली निकाली है। इसके लिए बीएससी नर्सिंग पास अभ्यर्थी 1 से 21 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। नियुक्ति संविदा (कांट्रेक्ट) के आधार पर होगी। प्रति माह 32 हजार वेतन और 8 हजार रुपये इंसेस्टिव सहित 40 हजार रुपये मिलेंगे। राज्य स्वास्थ्य समिति की वेबसाइट shs.bihar.gov.in पर आवेदन भरने का ब्योरा उपलब्ध है।
