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नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली एनडीए सरकार 3.0 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) मंत्रियों की संख्या पर मोलभाव के मूड में नजर नहीं आ रही है। पीएम मोदी की नई कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या से ज्यादा जेडीयू की निगाहें दूसरे जरूरी मुद्दों पर है। आने वाले समय में होने वाले राज्यसभा चुनाव में जेडीयू अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए बीजेपी से मोलभाव कर सकती है। इसके अलावा बिहार के लिए केंद्र से कुछ नए प्रोजेक्ट्स को लेकर भी नीतीश जोर आजमाइश कर सकते हैं। जेडीयू नेता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और बड़ा फंड दिलाने जैसे मुद्दों पर भी जोर देते हुए नजर आ रहे हैं।
जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर एचटी को बताया कि नीतीश कुमार एनडीए में हैं। उन्होंने मुश्किल दौर में बीजेपी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। अब यह बीजेपी के ऊपर है कि वह एक पुरानी साथी जेडीयू के साथ कैसा व्यवहार करती है। जेडीयू की अहमियत किसी से छिपी नहीं है। पिछली बार पार्टी बिना किसी मंत्री पद के भी एनडीए में रह चुकी है।

जेडीयू के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछली कैबिनेट में आरसीपी सिंह की वजह से केंद्रीय मंत्री बनने से चूक गए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह को इस बार चांस मिल सकता है। उनके अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह के भी मंत्री बनने के आसार हैं। ललन सिंह या संजय झा में से किसी एक का मोदी कैबिनेट 3.0 में मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सबकुछ नीतीश कुमार पर निर्भर करता है। क्योंकि इस समय पार्टी के अध्यक्ष भी वही हैं। नीतीश की नजर राज्यसभा सीट पर भी है। आरजेडी की राज्यसभा सांसद मीसा भारती के चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचने के बाद यह सीट खाली हो रही है। उनका अभी चार साल का कार्यकाल बचा हुआ है। इस सीट पर आगामी कुछ महीनों में चुनाव होंगे। इसके अलावा केंद्र की एनडीए सरकार से बिहार के लिए कुछ अहम सौदे भी किए जा सकते हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा (272) जुटाने में असफल रही। पार्टी को देशभर में 240 सीटें मिली हैं। ऐसे में उसे सरकार गठन में एनडीए के घटक दलों पर निर्भर रहना होगा। चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी किंगमेकर की भूमिका में है। बिहार में 12 सीटें जीतने वाली जेडीयू ज्यादा मोलभाव की स्थिति में तो आई लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि एनडीए की स्थिरता बनाए रखने की शर्त पर पार्टी कोई भी डिमांड नहीं करेगी।
नई दिल्ली स्थित संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार को आयोजित एनडीए संसदीय दल की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भाषण भी चर्चा में रहा। सीएम नीतीश ने स्पष्ट किया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को उनका पूरा समर्थन है। मोदी जैसा कहेंगे, हम लोग काम करेंगे। इस बैठक में नीतीश ने प्रधानमंत्री के पैर भी छुए। चर्चा है कि मोदी कैबिनेट में जेडीयू से तीन-चार मंत्री बनाए जा सकते हैं।
