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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में नेपाल सीमा पर दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा की बड़ी व्यूह रचना की है। सीमा पार से भारतीय सीमा में प्रवेश कर किसी प्रकार से चुनाव को प्रभावित करने की साजिशों को नाकाम करने की मुकम्मल तैयारियां की जा रही हैं। इस सिलसिले में बुधवार को दोनों देशों के पुलिस, सशस्त्रत्त् बल और खुफिया एजेंसियों की बड़ी बैठक पश्चिम चंपारण के बगहा में हुई।
याद रहे कि सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी और नकली भारतीय करेंसी भेजने की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं। इन दोनों को हथियार बनाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। इसके अलावा सीमा के आर-पार से अपराधी गिरोहों का गठजोड़ भी रहा है। यह गठजोड़ चुनाव के माहौल को बिगाड़ने की हरकत कर सकता है। इतना ही नहीं सीमा पार से कई देशों के असामाजिक तत्वों के भी इस पार प्रवेश करने की घटनाएं हो चुकी हैं। इस सबके मद्देनजर दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक तैयारियों और साझेदारी की रणनीति बनाई है। एसएसबी के आईजी पंकज कुमार दराद की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई और बड़े निर्णय लिये गये। करीब साढ़े चार घंटे चली बैठक में भारत और नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों के उच्च अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की।
बैठक में भारत की 194 व नेपाली की 195 चौकियों पर दोनों देशों द्वारा मिल कर नजर रखने का निर्णय लिया गया। मालूम हो कि नेपाल से सटे सीमा क्षेत्र में तीन अलग-अलग चरणों में चुनाव होना है। बैठक में एसएसबी के डीआईजी दीपक कुमार, राजेश टिक्कू, सुरेश सुब्रमण्यम, कमांडेंट श्री प्रकाश, द्वितीय कमान अधिकारी सुंदरम कुमार, अश्विनी कुमार सिंह और नेपाली अधिकारियों में डीआईजी गणेश थाड़ा मगर, कालिदास धैबाजी, अंजनी कुमार पोखरेल, दीपेंद्र शाह प्रमुख थे।
नकली भारतीय मुद्रा आने का मुख्य मार्ग है नेपाल सीमा
बिहार से लगने वाली नेपाल की सीमा की लंबाई करीब 756 किमी है। पूरी तरह से खुली इस सीमा की चौकसी की जाती है, लेकिन नकली नोटों और मादक पदार्थों की तस्करी का यह मुख्य मार्ग बना हुआ है।
