Legislative candidates for 2025 will be decided on the performance of 2024 political parties are busy analyzing seat wise data

Legislative candidates for 2025 will be decided on the performance of 2024 political parties are busy analyzing seat wise data


प्रमुख पार्टियां अब विधायकों की कुंडली तैयार कर रही हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा, राजद, जदयू और कांग्रेस कार्यालय में सभी 26 राउंड में प्रत्याशियों को मिले मत और विधानसभावार मिले वोट का आंकड़ा निकाला जा रहा है। दरअसल, इन्हीं आंकड़ों के विश्लेषण के बाद 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में दावेदारी पर मुहर लगेगी। सभी पार्टियों का फॉर्मूला एक है। 2020 के विधानसभा चुनाव में जितने मत मौजूदा विधायक को मिले थे, इतने मत संपन्न लोकसभा चुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी को मिले या नहीं। अधिक मत मिले तो टिकट पक्का, कम मिले तो टिकट कटना तय।

भाजपा में तीन विधायकों के प्रदर्शन की समीक्षा हो रही है। जिले में भाजपा के तीन विधायक हैं। बिहपुर, कहलगांव और पीरपैंती से एनडीए प्रत्याशी को कितने वोट मिले। इसका हिसाब निकाला जा रहा है। जबकि जदयू के दो विधायक हैं। गोपालपुर और सुल्तानगंज में जदयू का कब्जा है। सुल्तानगंज बांका संसदीय क्षेत्र में है। लेकिन इसका आंकड़ा भी निकाला जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी स्वयं सदर सीट के विधायक हैं। लेकिन उनका भी आंकड़ा निकाला जा रहा है, ताकि पता चले कि उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ है या कमी आई है।

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नाथनगर में जदयू से इस बार नए चेहरे की संभावना प्रबल: नाथनगर में राजद का कब्जा है। यहां पहले जदयू का कब्जा था। यहां का आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि जदयू सांसद यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं। चर्चा तो यह भी है कि दो विधायकों का प्रदर्शन अपने गठबंधन के लिए खराब रहा है। ऐसे में टिकट से बेदखल होने से पहले संभव है कि वे नया दामन थाम सकते हैं। चर्चा यह भी कि नाथनगर में जदयू से इस बार नया चेहरा होगा। इस चेहरे पर सांसद का वीटो लोकसभा चुनाव में ही लग चुका है। हालांकि ये सब बातें भविष्य की हैं लेकिन इतना तो तय है कि लोकसभा चुनाव का परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव को भी प्रभावित करेगा।

लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही यह भी तय हो गया कि बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव होगा। इसके अलावा राज्यसभा की दो सीटें और विधान परिषद की एक सीट पर भी उपचुनाव होना तय हो गया है। खाली हुए इन पदों को भरने की कार्रवाई जल्द ही शुरू होगी। लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों से दर्जनभर विधायकों ने किस्मत आजमाई थी। सबसे अधिक राजद के टिकट पर ही विधायकों ने चुनाव लड़ा था। हालांकि सभी को सफलता हाथ नहीं लगी। 

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राजद के दो विधायक लोकसभा के लिए चुने गए। रामगढ़ के राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। अब रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना तय है। इसी तरह बेलागंज के राजद विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव जहानाबाद से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। इस कारण बेलागंज में उपचुनाव होना तय है। वहीं, हम के संरक्षक व पूर्व उपमुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इमामगंज (सुरक्षित) के विधायक हैं। मांझी गया (सुरक्षित) लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं।

ऐसे में इमामगंज में उपचुनाव होना तय है। इसी तरह तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इस कारण तरारी में उपचुनाव होना तय है। राज्यसभा के दो सांसद भी लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इसमें राजद की डॉ. मीसा भारती और भाजपा के विवेक ठाकुर हैं। मीसा भारती वर्ष 2022 में दुबारा राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं। उनका कार्यकाल अभी 2028 तक है। वहीं भाजपा के विवेक ठाकुर अप्रैल 2020 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। अभी इनका दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है। मीसा और विवेक ठाकुर के बचे हुए कार्यकाल के लिए जल्द ही उपचुनाव होंगे।

सीतामढ़ी लोकसभा के लिए हुए मतदान की गणना मंगलवार को पूरी हो गयी। इसमें एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी देवेशचंद्र ठाकुर 51 हजार से अधिक मतों से विजयी हुए। मतगणना के दौरान सुरसंड विधानसभा के एक बूथ पर सौ फीसदी वोट राजद को मिले। वहीं, एक अन्य बूथ पर मात्र एक मत जदयू व शेष सभी राजद के खाते में गए। सुरसंड विधानसभा के जदयू प्रत्याशी के मतदान अभिकर्ता ने बताया कि पुपरी प्रखंड के आवापुर शेरपुर के बूथ नंबर 249 में 180 मतदान हुआ।

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