KK Pathak on leave Patna HC order on education department ineffective University funds still stuck another round of meetings

KK Pathak on leave Patna HC order on education department ineffective University funds still stuck another round of meetings


पटना हाईकोर्ट के शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के बकाया वेतन और पेंशन को 10 दिनों के भीतर भुगतान करने का अल्टीमेटम देने के बावजूद करीब एक महीने बाद भी हालात जस के तस हैं। वहीं दूसरी तरफ अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) केके पाठक छुट्टी पर चले गए हैं। जिसके बाद अब राजभवन और शिक्षा विभाग ने 12 जून को कुलपतियों के साथ अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं। पहली सुबह 11 बजे से और दूसरी दोपहर 3 बजे से होगी – विश्वविद्यालयों के हजारों शिक्षकों, कर्मचारियों के अटके हुए वेतन और पेंशन पर चर्चा होगी। 

आपको बता दें पटना हाईकोर्ट ने 3 मई को विश्वविद्यालयों के बैंक खातों पर शिक्षा विभाग की रोक के आदेश को स्थगित करते हुए पहले पिछले वित्तीय वर्ष का बकाया चुकाने का आदेश दिया था। इस मामले में अगली सुनवाई 25 जून को है। वहीं केके पाठक की गैरहाजिरी में कार्यभार संभाल रहे नए एसीएस (शिक्षा) एस सिद्धार्थ के तहत विभाग ने 12 जून को एक और बैठक बुलाई है, लेकिन सचिव बैद्यनाथ यादव ने फिर से कुलपतियों को एजेंडे के साथ सीधे पत्र लिखा है। शिक्षा विभाग और कुलाधिपति सचिवालय के बीच गतिरोध हाईकोर्ट पहुंच चुका है। राजभवन ने भी 12 जून को सभी कुलपतियों की बैठक भी बुलाई है। 

वहीं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्कूलों में समय पर होने के बावजूद उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र और रिजल्ट जारी करने में हो रही देरी पर चिंता जताई है।  और कहा कि विश्वविद्यालयों को खुद को प्रासंगिक बनाने के लिए राज्य के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं से संबंधित विषयों पर शोध में योगदान देना चाहिए

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हालांकि अदालत ने सभी पक्षों को विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का मौका दिया था, और उन्हें बिना किसी की अध्यक्षता के मिलने के लिए कहा था, लेकिन बात नहीं बनी। पाठक बीमारी का हवाला देकर उस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।  उन्होंने राजभवन की बैठकों में भी हिस्सा नहीं लिया था। जबकि गतिरोध जारी है, विभाग पिछले वर्ष के बैकलॉग को पूरा किए बिना तीन संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ 2024-25 के बजट पर चर्चा करना चाहता है, विश्वविद्यालयों और उसके शिक्षकों और कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

एक रिटायर शिक्षक ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही की आयकर कटौती भी नहीं हुई, जबकि तीन नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही भी समाप्त हो चुकी है। कुछ पेंशनधारियों ने कहा कि उन्हें नोटिस मिला था कि भुगतान नहीं हुआ है, जबकि यह भुगतान विश्वविद्यालय/कॉलेज स्तर पर किया जाना है। अगर जुर्माना लगाया गया है, तो इसका भुगतान कौन करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि पेंशन में देरी के लिए ब्याज सहित भुगतान करना होगा। लगता है इसके लिए भी हमें कोर्ट का रुख करना पड़ेगा। इन हालातों में उम्मीद है कि सबकुछ सुधर जाएगा। 

हाईकोर्ट ने पिछले महीने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सभी विश्वविद्यालयों के पहले से स्वीकृत बजट को 10 दिनों के भीतर जारी करने का निर्देश दिया था, अन्यथा शीर्ष अधिकारियों का वेतन जारी नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग को भुगतान नहीं किया जाएगा। विभाग और राजभवन के बीच कई महीनों से गतिरोध चल रहा है, जिससे चुनाव के समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी है।

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जबकि विभाग कुलपतियों पर सचिव, निदेशक या उप निदेशक द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने पर जोर दे रहा है, राजभवन ने स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रोटोकॉल से परे है। राज भवन ने चार विश्वविद्यालयों – बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय और नालंदा खुला विश्वविद्यालय – में वीसी की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित करने के लिए अधिसूचना भी जारी की है, जहां पद जल्द ही खाली हो जाएंगे।

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