JDU not ready to give up sitting seats how will Lok Sabha seat sharing to be done in Bihar NDA

JDU not ready to give up sitting seats how will Lok Sabha seat sharing to be done in Bihar NDA


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लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कभी भी हो सकती है। मगर बिहार एनडीए में अब तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। जेडीयू अपनी सीटिंग 16 सीटें छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वहीं, एनडीए के घटक दलों की नजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी की कुछएक सीटों पर टिकी हुई हैं। ऐसे में बीजेपी के सामने बिहार में सीट शेयरिंग फॉर्मूला तैयार करना चुनौती बना हुआ है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में जो सीटें जेडीयू ने जीती थीं, वो उनकी पार्टी की अमानत है। इसी आधार पर बीजेपी के साथ मिलकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

बीजेपी ने देशभर में 195 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। मगर बिहार में एक भी लोकसभा पर कैंडिडेट नहीं उतारा गया है। इसकी वजह सहयोगी पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाना है। बीजेपी की 8 मार्च को दिल्ली में इस मुद्दे पर अहम बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि इसके बाद ही कोई अंतिम फैसला होगा। बिहार बीजेपी की ओर से मौजूदा 17 सीटों पर प्रत्याशियों की संभावित सूची बनाकर दिल्ली भेज दी गई है। बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। 

दरअसल, हाल ही में बिहार के अंदर एनडीए का स्वरूप बदला है। नीतीश कुमार की जेडीयू ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए में वापसी कर ली। इसके पहले तक बीजेपी के साथ चिराग पासवान की लोजपा रामविलास, पशुपति पारस की रालोजपा, जीतनराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम पहले से एनडीए में हैं। बीजेपी ने एनडीए में जो फॉर्मूला पहले तय किया था, उस पर अब नए सिरे से मंथन चल रहा है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू की कुछ सीटों में अदला-बदली इस बार हो सकती है। हालांकि, दोनों प्रमुख पार्टियों की कुछ सीटों में से सहयोगी दलों को एडजस्ट किया जा सकता है। 

बिहार में 17 सीटों पर बीजेपी की तैयारी? लोकसभा चुनाव को लेकर अहम बैठक

दरअसल, एनडीए में शामिल विभिन्न दलों के नेताओं का आगामी चुनाव में कुछ ऐसी सीटों पर दावा है, जहां पर अभी बीजेपी या जेडीयू का कब्जा है। जैसे कि जीतनराम मांझी की पार्टी हम गया लोकसभा सीट पर मजबूत दावेदारी पेश कर रही है। जबकि यहां अभी जेडीयू का सांसद है। इसी तरह उपेंद्र कुशवाहा काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि यह सीट भी अभी जेडीयू के पास है। वहीं, जेडीयू का कहना है कि पिछले चुनाव में जो सीटें उसने जीती थीं, इस बार भी वह पार्टी के खाते में ही आए। ऐसे में बिहार में सीट बंटवारे पर पेच फंसा हुआ है, बीजेपी एवं जेडीयू के नेता बैठकर इस पर समाधान निकालेंगे।

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