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वैशाली जिले के मझौली गांव के रहने वाले हर्षराज काफी लोकप्रिय थे। समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से एनडीए समर्थित उम्मीदवार शांभवी चौधरी ने मृत हर्ष को अपना भाई माना था। चुनाव प्रचार- के दौरान भी हर्ष उनके साथ रहे थे। 25 मई को गांव में वे वोट डालने के लिए भी पहुंचे थे। पिता अजीत कुमार ने बताया कि हर्ष छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ना चाहता था। जानकारी के अनुसार करीब एक माह पहले यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने डांडिया नाइट्स का आयोजन किया था। इसके ही मैनेजमेंट को लेकर विवाद चल रहा था।
हर्ष के पिता अजीत कुमार ने बताया कि हर्ष राज फाइनल ईयर का छात्र था। एग्जाम लॉ कॉलेज में चल रहा था। वहां से निकलने के बाद जैसे ही हर्ष बुलेट पर चढ़ा तभी नकाबपोश बदमाशों ने हमला कर दिया, जिसके उसकी मौत हो गई। पिता ने बताया कि हर्ष छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता था, वह कहता था कि आज तक जिसने भी चुनाव लड़ा है, वो सभी पास आउट थे। पढ़ते हुए किसी ने चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन मैं कहता था कि हार जाओगे। पत्रकार के बेटे हो गरीब भी हो। हर्ष कहता था कि मैं मेहनत कर रहा हूं, कॉलेजों में घूम रहा हूं। सैनिटरी वेंडिग मशीन भी लगवा रहा हूं।
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हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए
पिता ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए और हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए। हर्ष के पिता अजीत कुमार ने कहा कि घटना की जानकारी एक छात्रा ने हर्ष के नंबर से उसकी मां के फोन पर कॉल कर दी। हर्ष मैट्रिक पास करने के बाद से ही पटना में रह रहा था। बोरिंग रोड में वह किराए के मकान में रह रहा था।
