Grand alliance seat distribution is stuck in dispute between RJD Congress and Left on three seats including Begusarai

Grand alliance seat distribution is stuck in dispute between RJD Congress and Left on three seats including Begusarai


लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। इस बीच यदि बिहार की बात करें तो महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकस्सी का खेल अभी जारी है। सीट शेयरिंग को लेकर बेगूसराय, मधुबनी और कटिहार को लेकर आरजेडी कांग्रेस और लेफ्ट के बीच कसमकस की स्थित बनी हुई है। महागठबंधन के सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के अनुसार बेगूसराय सीट को लेकर कांग्रेस और सीपीआई के बीच तनातनी चल रही है। दोनों ही पार्टियां बेगूसराय सीट को लेकर दावा ठोंक रही हैं। 

कांग्रेस की बात करें तो बेगूसराय सीट को लेकर अत्यधिक उत्सुक दिखाई पड़ रही है। कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी अपने युवा नेता और जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को इस निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारना चाहती है। बता दें कि कन्हैया  कुमार ने लोकसभा चुनाव 2019 में इस संसदीय सीट से ताल ठोकी थी लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। वहीं अगर सीपीआई की बात करें तो बेगूसराय लेफ्ट की पारंपरिक सीट है क्योंकि 1950 के दशक की शुरुआत से वाम दलों का संसदीय सीट पर प्रभुत्व रहा है और बेगूसराय सीट को बिहार का लेनिनग्राद’ कहा जाता है। लोकसभा चुनाव  1967 में सीपीआई के योगेन्द्र शर्मा इस सीट से सांसद चुने गए थे। इतना ही नहीं पिछले लोकसभा चुनावों में सूर्य नारायण सिंह, शत्रुघ्न सिंह और रामेंद्र कुमार जैसे कई प्रमुख नेताओं ने लेफ्ट पार्टी से इस सीट पर चुनाव लड़ा था।

एचटी के साथ विशेष बातचीत के दौरान सीपीआई के प्रदेश सचिव राम नरेश पांडे ने बताया है कि उनकी पार्टी को बेगूसराय सीट पर लेफ्ट पार्टी का दावा अधिक मजबूत है क्योंकि यह पार्टी की पारंपरिक सीट है। उन्होंने बताया कि हमने महागठबंधन के साथ बांका, बेगूसराय और मधुबनी की मांग की है। उन्होंने बताया कि बेगूसराय सीट हमारा गढ़ है और पिछली बार 2019 में कन्हैया कुमार हमारे उम्मीदवार थे। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस भी बेगूसराय लोकसभा सीट पर अपना दावा ठोक रही है तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

2019 के संसदीय चुनावों में, सीपीआई ने बीजेपी के मौजूदा सांसद और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, गिरिराज सिंह ने कन्हैया कुमार को 4 लाख से अधिक वोटों से मात दी थी। 

वहीं कयास लगाया जा रहा है कि सीपीआई की ओर से मधुबनी लोकसभा सीट पर भी दावा ठोंका गया है। हालांकि टकलें लगाई जा रही हैं कि जेडीयू में नाता तोड़ने वाले पूर्व सांसद एम ए ए फातमी को इस सीट से आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जा सकता है। बता दें कि फातमी ने कई बार दरभंगा लोकसभा सीट से चुनावी अखाड़े में ताल ठोकी है। 

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आरजेडी और सीपीआई-एम के बीच खगड़िया लोकसभा सीट को लेकर भी तनातनी चल रही है। पिछले कुछ महीनों से चल रही इस सीट को लेकर सीपीआई-एम ने आरजेडी से कुल चार सीटों (खगड़िया, समस्तीपुर, इजियारपुर और महाराजगंज) की मांग की है, लेकिन वाम दल खगड़िया सीट पाने को लेकर अत्यधिक उत्साहित नजर आ रही है। 

सीपीआई(एम) के राज्य सचिव ललन चौधरी ने एचटी के साथ विशेष बातचीत के दौरान बताया कि आरजेडी खगड़िया सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। 2019 के संसदीय चुनाव में, आरजेडी ने मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को सीट आवंटित की थी। सहनी ने खगड़िया सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें असफलता का मुंह देखना पड़ा था। 

इस बीच, ऐसी खबरें हैं कि सीपीआई-एमएल  आरजेडी और कांग्रेस के बीच कटिहार और सीवान संसदीय सीटों पर सीटों की सौदेबाजी चल रही है। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों में हुई सीट शेयरिंग को लेकर आरजेडी द्वारा सीपीआई-एमएल को पहले ही तीन सीटें देने का वादा किया गया है, लेकिन वामपंथी घटक दल कटिहार और सीवान सीट पाने को लेकर अत्यधिक इच्छुक दिखाई पड़ रही है। 

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस भी कटिहार सीट पाने के लिए उत्सुक है क्योंकि ऐसी अटकलें हैं कि पूर्व सांसद तारिक अनवर को इस सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को कांग्रेस के आलाकमान के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत की है और सूत्रों की मानें तो सीट बंटवारे को महागठबंधन में अंतिम दौर की बातचीत चल रही है। 

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