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Pappu Yadav Nomination: बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी तपिश उफान पर है। पप्पू यादव ने इसमें और भी धार कर दिया है। राजद प्रमुख लालू यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बात अनसुनी करके उन्होंने पूर्णिया लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने का ऐलान कर दिया है। महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में राजद की बीमा भारती वहां नामांकन कर चुकी हैं। नीतीश की जेडीयू छोड़ बीमा भारती चुनावी मौसम में लालू, तेजस्वी की आरजेडी में शामिल हुईं। लेकिन, पप्पू यादव अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा है कि मां का आंचल नहीं छोड़ सकता। पूर्णिया से कांग्रेस के झंडे में अब जनाजा ही निकलेगा। यह कहा है कि लव और वार में सब चलता है। अब सभी दलों के साथ बिहार की नजरें पप्पू यादव के अगले कदम पर टिकी हैं।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत पूर्णिया में नॉमिनेशन का आखिरी दिन है। कांग्रेस, राजद और लेफ्ट दलों के महागठबंधन से टिकट मिलने की उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद आज पप्पू यादव आज नॉमिनेशन करने वाले हैं। सभी की निगाहें पप्पू यादव के अगले कदम पर टिकी हैं।
पप्पू यादव ने कहा कहा है कि मेरे पास मां के आंचल के शिवा कोई रास्ता नहीं है। पूर्णिया मेरी मां है। अब यहां से मेरा जनाजा ही निकलेगा और वो कांग्रेस के झंडे में लिपटा रहेगा। यह भा कहा कि मरता क्या नहीं करता। लव और वार में सबकुछ जायज होता है। अब सबकी नजरें पप्पू यादव के अगले कदम पर टिकी हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार को दिन के 11 बजे के बाद पप्पू यादव अपना दाखिल करने पहुंचेंगे। यह भी कहा गया है कि नामांकन के बाद वे टाउन हॉल में समर्थकों को संबोधित करेंगे। इससे पहले पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ शहर के विभिन्न मार्गों पर जुलुस भी निकालने वाले हैं।
दरअसल पप्पू यादव पूर्णिया की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ही कांग्रेस पार्टी के साथ आए थे। 2019 में पूर्णिया से कांग्रेस प्रत्याशी उदय सिंह ने चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार लालू यादव ने पूर्णिया की सीट अपनी पार्टी राजद के खाते में डाल दी और बीमा भारती को सिंबल भी सौंप दिया। पप्पू यादव ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर लालू यादव तक से कई बार भावनात्मक अपील की। लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। बुधवार को राजद प्रत्याशी बीमा भारती ने नामांकन दाखिल कर दिया जिसमें तेजस्वी यादव खासतौर पर मौजूद रहे। अभी तक किसी अन्य प्रत्याशी के नामांकन में तेजस्वी नहीं गए थे। उसके बाद पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनाव लड़ने के अपने पुराने फैसले पर मोहर लगा दी।

पप्पू यादव ने पहले भी कहा था कि पूर्णिया मेरी मां है। मैं इसे नहीं छोड़ सकता। पूर्णिया छोड़ने से अच्छा होगा आत्महत्या कर लेना। ऐलान कर चुके हैं कि दुनिया छोड़ दूंगा लेकिन पूर्णिया नहीं छोडूंगा। उन्होंने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर अपने भविष्य का निर्णय छोड़ दिया था। कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्णिया में राजद और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली फाइट हो सकती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी बिहार में राजद से टकराने के मूड में नहीं है। इसलिए कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा फ्रेंडली फाइट से इनकार कर दिया गया।
इधर एनडीए ने पूर्णिया सीट से संतोष कुशवाहा को फिर से उतारा है। 2019 के चुनाव में उन्होंने 6 लाख 32 हजार वोट लाकर कांग्रेस के उदय सिंह को मात दी थी। पप्पू यादव नामांकन कर देते हैं तो पूर्णिया का रण बेहद दिलचस्प होगा। पप्पू यादव तीन सालों से पूर्णिया पर फोकस करके चुनावी तैयारी कर रहे थे।
