Digital crop survey will be done in 10 thousand villages of Bihar all the information will be available in one click

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बिहार कृषि विभाग ने चालू खरीब फसल सीजन में 28 जिलों के 10,000 गांवों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव दिया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि फसल सर्वेक्षण से नीति नियोजकों को खड़ी फसलों, फसलों के क्षेत्र-वार कवरेज और किसी विशेष क्षेत्र में उगाए जाने वाले अनाज या सब्जियों की वैरायटी का डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलेगी।

एग्रीस्टैक (डिजिटल फसल सर्वेक्षण) पर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि पिछले रबी फसल सीजन में 20 जिलों के 2069 गांवों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया गया था। उगाई गई फसलों और उत्पादकता का डेटाबेस किसानों के साथ-साथ नीति निर्माताओं को जलवायु प्रतिरोधी किस्मों की खेती को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा।

विभाग ने डिजिटल फसल सर्वेक्षण को कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण के लिए 28 जिलों के विशेषज्ञों का एक पैनल तैयार किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले महीने निर्धारित है। कार्यशाला में शामिल हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार के डिजिटल फसल सर्वेक्षण के सलाहकार महेश बोकाड़े और तकनीकी विशेषज्ञ कृति कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से एग्रीस्टैक (डिजिटल फसल सर्वेक्षण) की विशेषताओं को समझाया और एग्रीस्टेक ऐप के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 

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राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए सरकार की योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है, जिस पर किसानों की सारी जानकारी जैसे खेत का विवरण, खेत में उगाई जाने वाली फसल का विवरण, क्षेत्रफल का ब्यौरा दिया जाएगा। इन विवरणों के आधार पर, किसान सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि, केसीसी की मंजूरी, फसलों की खरीद, फसल क्षति के मुआवजे का भुगतान आदि जैसी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से हासिल कर सकेंगे। एग्रीस्टैक के माध्यम से फसल का रियलटाइम डेटाबेस भी सरकार को किसानों की मदद के लिए समय पर निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।


कृषि मंत्री ने कहा कि भारत की केंद्र सरकार ने पिछले केंद्रीय बजट 2024 में घोषणा की है कि देश के 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम किया जाएगा। किसान और किसान की भूमि से संबंधित डेटा एकत्र करने के उद्देश्य से अगले तीन वर्षों में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। बैठक में कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, अपर सचिव कृषि शैलेन्द्र कुमार सहित कृषि एवं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारी एवं सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित थे। 

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