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बिहार के छपरा (सारण) से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। कर्ज के बोझ तले एक दंपति को बुढ़ापे में अपना घर छोड़ना पड़ा। कर्जदाताओं के तगादे से परेशान आकर पति-पत्नी ने मंदिर में रातें गुजारीं। इसके बाद भी हालात ठीक नहीं हुए तो दोनों ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। मामला जलालपुर थाना इलाके का है। मृतकों की पहचान गम्हरिया कला गांव निवासी 70 साल के रामेश्वर साह और उनकी 65 वर्षीय पत्नी लालमुनि देवी के रूप में हुई है।
यह घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। दंपति ने रिविलगंज रेलवे स्टेशन पर जाकर आत्महत्या की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। मृतक बुजुर्ग दंपति के तीन बेटे हैं। उनका परिवार बहुत गरीब है और बेटे ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं।

परिजन ने बताया कि रामेश्वर साह और लालमुनि देवी ने कई बैंक समितियों के माध्यम से कर्ज ले रखा था। पैसा वापस लौटाने के लिए कमिटी उनपर दबाव बना रही थी। तगादे से परेशान होकर बुजुर्ग दंपति कुछ दिन पहले घर छोड़कर चले गए और रिविलगंज के श्रीनाथ बाबा मंदिर परिसर में रहने लगे। अचानक शनिवार सुबह दोनों की मौत की खबर मिली।
ग्रामीणों ने बताया कि कर्ज नहीं चुका पाने और कमिटी वालों की प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्ग पति-पत्नी ने जहर खाकर जान दे दी। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और जांच पूरी होने के बाद ही घटना के कारणों का पता चल पाएगा।
