cbi arrests key conspirator from dhanbad jharkhand in neet ug case

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नीट यूजी परीक्षा गड़बड़ी मामले में झारखंड में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने बुधवार को धनबाद से नीट-यूजी पेपर लीक मामले में कथित सह-साजिशकर्ता अमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। नीट-यूजी गड़बड़ी मामले की जांच के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से अंजाम दी गई यह सातवीं गिरफ्तारी है। पहले CBI ने पेपर लीक में कथित रूप से शामिल झारखंड के मॉड्यूल के बारे में खुफिया जानकारी जुटाई, फिर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। 

बता दें कि सीबीआई ने बीते 29 जून को झारखंड के हजारीबाग से एक हिंदी मीडिया संगठन के मार्केटिंग प्रोफेशनल जमालुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी से एक दिन पहले एजेंसी ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम को गिरफ्तार किया था। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक को एनटीए ने NEET-UG 2024 परीक्षा के लिए सिटी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि उक्त आरोपियों ने कथित रूप से नीट उम्मीदवारों को सुरक्षित परिसर मुहैया कराया था, जहां बिहार पुलिस ने जले हुए प्रश्नपत्र बरामद किए थे। सीबीआई ने मामले में छह एफआईआर दर्ज की है। बिहार से दर्ज की गई एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान से दर्ज की गई प्राथमिकियां असल उम्मीदवारों की जगह दूसरों से पेपर दिलाने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं। 

इससे पहले सीबीआई ने रविवार को गुजरात के गोधरा जिले से एक गिरफ्तारी की थी। सीबीआई की जांच टीम ने गोधरा से एक प्राइवेट स्कूल के मालिक को गिरफ्तार किया था। पंचमहल जिले में गोधरा के पास स्थित जय जलाराम स्कूल के मालिक दीक्षित पटेल के खिलाफ ऐक्शन मामले में सीबीआई की छठी गिरफ्तारी थी। दीक्षित पटेल को कथित तौर पर उम्मीदवारों से 5 से 10 लाख रुपये लेकर उनकी मदद करने आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 

गोधरा के जय जलाराम स्कूल के मालिक दीक्षित पटेल कथित तौर पर उम्मीदवारों से परीक्षा के अंक बढ़वाने का वादा किया था। इस मामले में गुजरात पुलिस का आरोप है कि दीक्षित पटेल ने अभ्यर्थियों से कहा था कि यदि उन्हें किसी सवाल का जवाब नहीं पता हो तो वे प्रश्न हल ना करें। संदिग्ध आरोपियों ने कथित तौर पर परीक्षा खत्म होने के बाद 27 छात्रों की ओर से उत्तर पुस्तिकाएं भराने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने हर कंडिडेट से 10 लाख रुपये तक लिए थे।

(पीटीआई और हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट पर आधारित)

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