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बिहार ने उच्च शिक्षा पर खर्च करने के मामले में बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। यही नहीं मेघालय व मणिपुर जैसे छोटे राज्यों को छोड़ दें तो उच्च शिक्षा के विकास पर खर्च करने में बिहार देश में अव्वल रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा जारी ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले राज्यों की सूची भी जारी की है। इसमें उन राज्यों के नाम हैं, जिन्होंने अपने यहां जीएसडीपी बजट का 1.75 प्रतिशत से अधिक खर्च किया है। केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों राज्यों से खर्च का ब्योरा तलब किया था।
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार ने उच्च शिक्षा पर अपने जीएसडीपी का 2.17 फीसदी खर्च किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य उच्च शिक्षा पर खर्च करने में फिसड्डी हैं। ये सब वैसे राज्य हैं, जिन्होंने अपनी जीएसडीपी का एक फीसदी भी उच्च शिक्षा के विकास पर खर्च नहीं किया है।
सभी राज्यों से मांगी थी खर्च की जानकारी : केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से उच्च शिक्षा पर किये खर्च की विस्तृत जानकारी मांगी थी। इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों पर वेतन अनुदान आदि से लेकर आधारभूत संरचना पर खर्च शामिल हैं। बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद की तरफ से विशेष रूप से रूसा पर खर्च की जाने वाली राशि भी शामिल है। उच्चतर शिक्षा परिषद से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार ने खासतौर पर रूसा में अहम खर्च किया है। नये सरकारी कॉलेजों की स्थापना, विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना में मजबूती, उच्च शिक्षा में शैक्षणिक असमानता दूर करने में खासा पैसा खर्च किया है। नये संस्थानों के लिए जमीन भी मुहैया करायी है।
बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, कामेश्वर झा बिहार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम किया है और केन्द्र सरकार की ऑडिट रिपोर्ट ने इसे सत्यापित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च शिक्षा को लेकर गंभीरता से पहल की। उनके नेतृत्व में हमने काम किया। उसका परिणाम अब सामने आ रहा है। बिहार कई बड़े राज्यों से आगे है।
