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बिहार के भागलपुर में हवाई अड्डा निर्माण की एक और बाधा दूर हो गयी। डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने हवाई अड्डा की जमीन चिह्नित करते हुए प्रस्ताव मंत्रिमंडल सचिवालय को भेज दी। गुरुवार को जमीन का स्थल निरीक्षण करने के बाद एडीएम अजय कुमार सिंह ने रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। प्रस्ताव भेजने के बाद हवाई अड्डा के निर्माण को लेकर उम्मीदें जगी हैं। डीएम ने बताया कि गोराडीह प्रखंड में जिस जमीन को चिह्नित करते हुए भेजा गया है। वह हवाई अड्डा के लिए उपयुक्त है। यह जगह शहर के नजदीक है। बगल से फोरलेन गुजर रही है। बड़ा हवाई अड्डा बनाने की योजना है। हवाई अड्डा में 3500 मीटर और 4000 मीटर लंबा दो रनवे बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। चिन्हित जमीन में कुछ सरकारी और निजी जमीन है। निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर जमीन का रेट तैयार कर लिया गया है। विभाग से प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद राशि की मांग और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बड़ा एयरक्राफ्ट उतरने के लिए बड़ा रनवे बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
मंत्रिमंडल में निर्णय के बाद आयी तेजी
भागलपुर में हवाई अड्डा की मांग लंबे समय से हो रही है। पूर्व में छोटा विमान पुराने हवाई अड्डा से चलाने की तैयारी हुई। लेकिन सफलता नहीं मिल पायी। लोकसभा और विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया। भागलपुर हवाई जहाज सेवा संघर्ष समिति द्वारा लंबे समय तक धरना सहित विभिन्न कार्यक्रम चलाया गया। हवाई अड्डा की जरूरत को देखते हुए 15 मार्च 2024 को मंत्रिमंडल की बैठक में भागलपुर में वर्तमान हवाई अड्डे को स्थानांतरित करते हुए न्यूनतम 6000 फीट लंबाई का रनवे और एक टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए भूमि चिह्नित कर नये हवाई अड्डा के निर्माण के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गयी। मंत्रिमंडल की बैठक के दूसरे दिन लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो गया। आचार संहिता के खत्म के बाद जिला प्रशासन ने जमीन चिह्नित करते हुए प्रस्ताव भेजा।
650 एकड़ जमीन चिन्हित की गई
हवाई अड्डा बनाने के लिए गोराडीह प्रखंड के तीन मौजा में करीब 650 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है। इसके पहले 475 एकड़ जमीन चिह्नित करने की बात हुई थी। बड़ा हवाई अड्डा बनाने को लेकर जमीन का रकवा बढ़ाया गया है। एडीएम ने बताया कि रिपोर्ट में जमीन से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी है। प्रस्ताव में जमीन का खाता, खेसरा, रकवा आदि की जानकारी दी गयी है। सरकारी, गोशाला और निजी जमीन के रकवा के बारे में भी बताया गया है।

