पटना हाईकोर्ट के आदेश पर लंबे समय से बेऊर जेल में बंद पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह रिहा हो गए। शुक्रवार को सुबह 5 बजकर दस मिनट पर जेल प्रशासन ने अपने एंबुलेंस से बाहर निकाला जहां पहले से मौजूद समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने शाही अंजाद में उनका स्वागत किया। एके 47 और बुलेट प्रुफ जैकेट घर से बरामद होने पर पटना की निचली अदालत ने दस साल की सजा सुनाई थी। इस वजह से उनकी विधायकी भी चली गई थी। पटना स्थित बेऊर जेल से बाहर उन्होंने मीडिया कर्मियों से उन्होंने बात की।
जेल से बाहर निकलते ही मीडिया कर्मियों ने अनंत सिंह को घेर लिया। एक तरफ कार्यकर्ता उनके स्वागत को बेताब थे तो दूसरी ओर उनका फर्स्ट रिएक्शन लेने की होड़ लगी थी। इस बीच जब उनसे पूछा गया कि अब कैसा लग रहा तो उन्होंने सवाल का खुल कर जवाब दिया। अनंत सिंह ने कहा कि जेल से आकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे हाई कोर्ट पर पहले से भरोसा था। जब उनसे पूछा गया कि आपको न्याय मिल गया तो उन्होंने कहा कि आप लोग भी देख रहे हैं कि हम बाहर आ गए। हमको पहले से विश्वास था कि एक दिन जरूर न्याय मिलेगा। वह हमको मिल गया। जब उनसे पूछा गया कि आप मानते हैं कि आपको फंसाया गया। इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया।

जेल से बाहर निकले अनंत सिंह को उनके समर्थकों ने फूल माला से लाद दिया। हालांकि किसी ने भी कोई नारेबाजी नहीं की। अनंत सिंह के बेटे अंकित सिंह भी पिता के स्वागत में भोर से ही बेऊर जेल के गेट पर खड़े थे। अंकित सिंह ने माला पहना कर पिता का स्वागत किया और उनसे आशीर्वाद भी लिया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन उनके लिए बहुत बड़ी खुशी का दिन है। कहा कि पहले से उम्मीद थी कि हाईकोर्ट से हमारे परिवार को न्याय मिलेगा और वह दिन आज आ ही गया।

जेल से निकलने के बाद अनंत सिह पटना में रुकने के बजाए अपने पैत्रिक गांव लदमा के लिए रवाना हो गए। वहां महारानी स्थान में पूजा पाठ का पहले से कार्यक्रम तय था। उनके साथ समर्थकों की गाड़ियों का काफिला निकला। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अनंत सिंह आज दिन भर अपने क्षेत्र में रहेंगे। बताया जा रहा है कि अपने कुलदेवता की पूजा करने के बाद छोटे सरकार के नाम से चर्चित अनंत सिंह अपने समर्थकों और क्षेत्र की जनता के साथ मुलाकात करेंगे।

अनंत सिंह का सियासी सफर वर्ष 2005 में शुरू हुआ था। पहली बार जयू की टिकट पर मोकामा से विधानसभा का चुनाव जीत कर विधायक बने थे। उसके बाद वे 2005 में दो बार, 2010, 2015 और 2020 में लगातार मोकामा से विधानसभा चुनाव जीतने में सफर रहे। जब एके 47 कांड में सजा होने के बाद वह जेल चले गए तो उनके वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने चुनाव लड़ा और विधयक बनीं। तब राजद ने उन्हें टिकट दिया था। हालांकि इसी वर्ष नीतीश कुमार के विश्वास प्रस्ताव के दौरान नीलम देवी ने राजद छोड़कर जदयू को समर्थन किया। इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह पैरोल पर बाहर आए थे। हाई कोर्ट से बरी किए जाने के बाद अनंत सिंह बेऊर जेल से बाहर आ गए हैं। अब उनके खिलाफ कोई केस पेंडिंग नहीं है।
