पूर्णिया का झंडा चौक, यहां 77 साल से स्वतंत्रता दिवस पर आधी रात में फहराया जाता है तिरंगा

पूर्णिया का झंडा चौक, यहां 77 साल से स्वतंत्रता दिवस पर आधी रात में फहराया जाता है तिरंगा


बिहार के पूर्णिया शहर में ऐतिहासिक झंडा चौक है। यहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आधी रात को ही तिरंगा फहराने की परंपरा है। घड़ी में जैसे 12 बजकर एक मिनट होते हैं झंडा चौक पर राष्ट्रीय ध्वज लहराया जाता है। यह परंपरा 1947 से ही चली आ रही है। इस साल भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बुधवार आधी रात को यहां तिरंगा फहराया जाएगा। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय वाघा-अटारी बॉर्डर पर भी आधी रात में झंडोत्तोलन किया जाएगा।

पूर्णिया निवासी विपुल सिंह का कहना है कि साल 1947 में जब घड़ी की सुई 12 बजकर एक मिनट पर पहुंची थी, ठीक उसी समय भारत के आजादी की घोषणा रेडियो पर की गई थी। तब पूर्णिया के स्वतंत्रता सेनानी और उनके दादा रामेश्वर प्रसाद सिंह ने रामरतन साह और शमशुल हक के साथ मिलकर मध्य रात्रि में भट्ठा बाजार में झंडा फहराया था। तभी से हर साल यहां मध्य रात्रि में तिरंगा फहराने की परंपरा चली आ रही है।

समाज सेवी अनिल चौधरी ने कहा कि हमारे वीर सपूतों ने अपनी कुर्बानियां देकर देश को आजाद किया। कितनी माताओं के मांग का सिंदूर मिट गया। कितनी बहनों ने अपने भाइयों को खो दिया। तब जाकर देश आजाद हुए। यहां के स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें यह अवसर प्रदान किया है। हर वर्ष रात्रि के 12:01 में हम झंडा फहराते हैं। पूरे भारतवर्ष में एक बाघा बॉर्डर पर रात्रि में झंडा फहराया जाता है दूसरा पूर्णिया के झंडा चौक पर झंडा फहराया जाता है।

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