Araria Bridge Collapse 3 engineers suspended case against construction agency investigation report sought in 7 days

Araria Bridge Collapse 3 engineers suspended case against construction agency investigation report sought in 7 days


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अररिया के सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बनकर तैयार पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। मंगलवार दोपहर ढाई बजे नेपाल से नदी में पानी बढ़ने के बाद हल्के बहाव से ही पुल धराशायी हो गया। 31 करोड़ की लागत से बने इस पुल का निर्माण तीन चरणों में हुआ था। इस पुल से सिकटी व कुर्साकांटा के दर्जनों गांवों की लगभग दो लाख आबादी को लाभ मिलता। 2021 में पुल तैयार हुआ। लेकिन, एप्रोच पथ नहीं बना था। नदी की धारा को मोड़ कर पुरानी धारा में लाने का काम होना था। इस कारण पुल का उपयोग नहीं हो रहा था।

इस मामले में नीतीश सरकार ने अबतक चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है। दो अभियंताओं को मंगलवार को ही निलंबित कर दिया गया था। हालांकि देर रात तक दो अभियंताओं के निलंबन का आदेश जारी हुआ। जिसमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार, सहायक अभियंता वीरेंद्र प्रसाद व कनीय अभियंता मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। उच्चस्तरीय जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने संवेदक के ऊपर एफआईआर दर्ज कराते हुए उनको ब्लैक लिस्ट में डालने का निर्देश दिया है। 

राज्य सरकार ने बकरा नदी पर बने पुल के गिरने की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है। यह टीम बुधवार को वहां पहुंचेगी। जांच टीम में पूर्णिया के मुख्य अभियंता निर्मल कुमार, राज्य तकनीकी एजेंसी के डॉ. संजीव सिन्हा, पुल सलाहकार बी.के. सिंह और राज्य गुणवत्ता समन्वयक राजीव रंजन कुमार शामिल हैं।

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अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव भगवत राम ने जांच दल को पुल के फाउंडेशन की गहराई, निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री की मात्रा और गुणवत्ता तथा कराये गये कार्यों के विविध पक्ष की जानकारी इकट्ठा कर अपने मंतव्य के साथ सात दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही निर्माण एजेंसी को काली सूची में डालने की तैयारी।

ग्रामीण कार्य विभाग दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को पटना से जांच टीम अररिया जाएगी। वहां वह पुल गिरने के विभिन्न पहलुओं की जांच कर अपनी रिपोर्ट 7 दिनों में सरकार को देगी। इसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।वहीं अररिया में निर्माणाधीन पुल गिरने पर केंद्र सरकार ने साफ किया है कि पुल का निर्माण केंद्र नहीं राज्य सरकार कर रही थी। पुल ध्वस्त होने पर केंद्र को कठघरे में रखा जा रहा था। इस पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है।

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बिहार राज्य पुल निगम ने 2011 में बकरा नदी के तीरा पड़रिया घाट पर पुल निर्माण के लिए 11 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी। पुल के लिए चार पाया बनना था। तीन पाया बनने के बाद नदी की धारा पूरब की ओर चली गई। इसके बाद 2018 में राज्य पुल निगम के अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद फिर से 12 करोड़ की स्वीकृति दी गयी। दूसरी बार स्वीकृति मिलने के बाद पहले बने पुल के पास ही चार पाया का निर्माण कराया गया। 

यह जून 2019 में तैयार हो गया। इसके बाद फिर बकरा नदी की धारा बदल गई। तीसरे और अंतिम बार आरईओ ने करीब आठ करोड़ की राशि स्वीकृत की। इस राशि से 181 मीटर लंबा आठ पाया वाले पुल का निर्माण कराया गया। तीसरे चरण में निर्माण कार्य 2020 के जून तक पूरा होना था, लेकिन बाढ़ और कोविड के कारण पुल 2021 में बन कर तैयार हो पाया। लेकिन, अप्रोच पथ का निर्माण नहीं हुआ था और नदी की धारा को मोड़ कर पुरानी धारा में लाने का काम होना था। इस कारण पुल का उपयोग नहीं हो रहा

 

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