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नए परिसीमन के बाद 2009 से 2019 तक हुए चुनाव में मुंगेर जिले से भी नेता लोक सभा नहीं पहुंच पाए हैं। मुंगेर जिला के तारापुर विधान सभा को जमुई लोक सभा क्षेत्र में शामिल करने के बाद मुंगेर लोक सभा क्षेत्र में दो जिले पूर्ण रूप से तथा पटना जिले के बाढ़ तथा मोकामा को मुंगेर क्षेत्र को शामिल करने के बाद से यहां की सियासत बाहरी लोगों के हाथ चली गयी। इस बार 2024 में दो मुख्य गंठबंधन इंडिया व एनडीए गठबंधन इस बार हो रहे चुनाव में नालंदा व लखीसराय जिले के उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारा है।
2009 से लेकर 2019 तक मुंगेर जिले से बाहर के एक ही भूमिहार जाति के लोगों ने चुनाव में बाजी मारी है। नए परिसीमन के बाद 2009 में जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद के रामबदन राय को पराजित कर लोक सभा पहुंचे थे। ललन सिंह मूलत नालंदा जिले के निवासी हैं। 2014 के लोक सभा चुनाव में लोजपा की वीणा देवी ने जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पराजित कर लोकसभा पहुंची थीं। वीणा देवी मोकामा की रहने वाली हैं।
2019 के लोक सभा चुनाव में जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी नीलम देवी को पराजित कर लोक सभा पहुंचे थे। सबसे अहम बात तो यह है कि 2009 से 2019 तक तो मुंगेर जिले के बाहर के ही नेता सांसद बने ही , वहीं परिसीमन के बाद उक्त तीनों लोकसभा चुनाव में एक ही भूमिहार जाति के नेताओं ने ही जीत दर्ज का लोक सभा पहुंचे हैं। अब देखना है कि 2024 के लोक सभा चुनाव में भूमिहार जाति के नेताओं को रिकॉर्ड टूट पायेगा या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
मुंगेर से लेकर पटना जिला तक फैले मुंगेर लोक सभा क्षेत्र पड़ता हैं। वहीं 1978548 पुरूष मतदाता तो महिला मतदाताओं की संख्या 956012 लाख है। इसके अतिरिक्त अन्य 52, नौकरी वाले मतदाता 9422, 18 सं 19 वर्ष वाले मतदाताओं की संख्या 29890, 85 वर्ष से ऊपर वाले मतदाताओं की संख्या18244, दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 16318 है।
