सड़कों की मरम्मत नहीं तो इंजीनियर और ठेकेदार नपेंगे, बिहार के 65 हजार किमी रोड का होगा निरीक्षण

सड़कों की मरम्मत नहीं तो इंजीनियर और ठेकेदार नपेंगे, बिहार के 65 हजार किमी रोड का होगा निरीक्षण


बिहार के गांवों की सड़कों की अगर मरम्मत नहीं हुई तो इंजीनियर और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने यह निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने 15 दिनों के भीतर पूरे प्रदेश की ग्रामीण सड़कों का निरीक्षण करने और उनकी पूरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। राज्य में पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि के अधीन लगभग 65 हजार किलोमीटर की सड़कों के रखरखाव के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव अमृत लाल ने बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारियों से कहा कि जो भी ठेकेदार अथवा संवेदक सड़कों के रखरखाव में गड़बड़ी पाया जाते हैं, उनसे जुर्माना वसूलकर उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाला जाए। ग्रामीण सड़कों की स्वतंत्र जांच के लिए संबंधित जिला पदाधिकारी को उक्त रोड की सूची उपलब्ध कराई जाए। अपने स्तर से प्रत्येक बुधवार या गुरुवार को अभियान चला कर बीआरआरएमएस मोबाइल ऐप से अन्य विभागों के इंजीनियरों से जांच कराकर फीडबैक लेने को कहा जाए।

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दो साल में सभी टोलों तक पहुंचेगी सड़क

मुख्य सचिव ने पक्की सड़क से अछूटे राज्य के टोलों को दो साल के भीतर संपर्क पथ से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एकल सम्पर्कता प्रदान करने के लिए लगभग 4200 छूटे टोले एवं बसावटों के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए। आगामी दो सालो में इन टोलों को सड़क की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी ग्रामीण सड़कें जो रखरखाव की अवधि से बाहर हो गई हैं, उनमें जो भी क्षतिग्रस्त हैं तो उनके नवीनीकरण एवं अपग्रेडेशन के लिए निर्माण की स्वीकृति दी जाएगी।

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