लोकसभा में गुरुवार को पेश हुए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में हलचल तेज हो गई है। जेडीयू ने सदन के अंदर इस बिल को पूरी तरह समर्थन दे दिया, जिससे पार्टी के मुस्लिम नेताओं में बेचैनी बढ़ गई। पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम नेताओं संग बैठक की। इस दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान और बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो. ईर्शादुल्लाह एवं बिहार शिया वक्फबोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद ने अपनी चिंता जाहिर की। जमा खान ने नीतीश से आग्रह किया है कि संशोधन बिल में कौन-कौन से नए प्रावधान किए जा रहे हैं, इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए।
जमा खान ने मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएम नीतीश ने हम लोगों के आग्रह को गंभीरता से सुना है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अल्पसंख्यकों का अहित किसी भी परिस्थिति में नहीं होगा। पूरे मामले को वे खुद देख रहे हैं। वहीं, मो. ईर्शादुल्लाह ने कहा कि हम लोगों की मांग थी कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को समिति के पास भेजा जाना चाहिए। इसे स्वीकार भी कर लिया गया है।
दूसरी ओर, जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि विपक्ष इस मामले पर राजनीतिक रोटी सेंक रहा है। गरीब तबके के तथा जो वंचित लोग हैं उनका उत्थान हो सके, इसी को पूरा करने के लिए यहसंशोधनबिलहै।

बता दें कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के लोकसभा में आने से पहले ही जेडीयू के कुछ मुस्लिम नेताओं ने इसका विरोध किया था। पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या वह मठों को लेकर भी कोई बिल लेकर आएगी। वहीं, जेडीयू एलएससी गुलाम गौस ने बिल को लोकसभा में पेश करने से पहले मुस्लिम समाज के बीच इस पर चर्चा कराने की मांग की थी।
