जनता से मिलने और उनकी सुनने के लिए पहले भी कई बार बिहार यात्रा कर चुके मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नीतीश कुमार नवंबर में छठ के बाद एक बार फिर राज्य के भ्रमण पर निकल सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस यात्रा की फोकस महिलाएं होंगी जिनसे बातचीत कर नीतीश महिला वोटरों के मन-मिजाज को पढ़ने की कोशिश करेंगे। चुनावी राजनीति में यह माना जाता है कि नीतीश को बड़ी संख्या में महिलाओं का समर्थन हासिल है और वो उनकी कोर वोटर हैं। इस समय राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव कार्यकर्ताओं से बात करने के लिए आभार यात्रा के पहले चरण में मिथिलांचल और तिरहुत में घूम रहे हैं।
नीतीश कुमार की इस यात्रा का स्वरूप पहले की उनकी यात्राओं से अलग होगा। मुख्यमंत्री इस यात्रा में राज्य सरकार की महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं पर सीधे लाभार्थियों से बातचीत करके फीडबैक लेंगे। जेडीयू ने अभी इस यात्रा की तारीख की घोषणा नहीं की है लेकिन जेडीयू की नेता और नीतीश सरकार की मंत्री लेशी सिंह ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि नीतीश कुमार जल्द ही यात्रा पर निकलेंगे। लेशी ने कहा- “नीतीश कुमार महिलाओं से संवाद करेंगे और महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार की विभिन्न पहलों पर उनके अनुभव सुनेंगे। मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए सालों से काफी काम किया है। पंचायती राज में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया और सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए 35 फीसदी रिजर्वेशन दिया।”
जेडीयू के सूत्रों ने बताया कि नीतीश की प्रस्तावित यात्रा का कार्यक्रम लगभग तैयार है। छठ पूजा के बाद मुख्यमंत्री यात्रा पर निकलेंगे। छठ पर्व 5 नवंबर से 8 नवंबर तक है। नीतीश ने 2023 में दो महीने की समाधान यात्रा की थी। उस यात्रा में उन्होंने सरकारी योजनाओं के अमल पर आम लोगों से फीडबैक लिया था।
महिलाओं को केंद्र में रखकर नीतीश की अगली यात्रा की योजना बनाने से यह चर्चा शुरू हो गई है कि जेडीयू अध्यक्ष 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोट बैंक को मजबूत करने में जुट गए हैं। हालांकि लेशी सिंह ने कहा कि नीतीश की यात्रा को चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए क्योंकि वो हमेशा सीधे लोगों से फीडबैक लेने के लिए यात्रा करते रहे हैं। लेशी ने कहा कि पार्टी की चुनाव तैयारियां हमेशा चलती रहती हैं।
चुनाव विशेषज्ञ मानते हैं कि महिलाओं को लेकर कई सरकारी योजना शुरू करने, आरक्षण नीति और शराब बंदी की वजह से नीतीश ने हर जाति और धर्म की दीवार तोड़कर महिलाओं के बीच अपनी पैठ बना रखी है। नीतीश को महिलाओं के इस वोट बैंक का फायदा चुनावों में मिलता रहा है। चुनाव विश्लेषक राकेश तिवारी कहते हैं कि सारी पार्टियों के लिए महिला एक कोर वोट बैंक है। जेडीयू के लिए महिला वोटर और भी खास हैं इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी उसे और मजबूत करना चाहती है।
नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू किया था। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसका वादा किया था। महिलाओं ने तब पटना में नीतीश से शिकायत की थी कि शराब के कारण घरेलू हिंसा और अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। विपक्ष शराबबंदी को भले फेल कहता रहे लेकिन आज भी यह महिलाओं के बीच नीतीश की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह है।
आरजेडी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार यात्रा पर जा रहे हैं तो उन्हें राज्य में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के आकलन पर ध्यान देना चाहिए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कार्यकर्ता आभार यात्रा पर निकले हुए हैं। समस्तीपुर से शुरू तेजस्वी यादव की यात्रा का पहला चरण दरभंगा, मधुबनी होते हुए मुजफ्फरपुर में 17 सितंबर को समाप्त होगा। तेजस्वी की यात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
