बिहार के फुलवारीशरीफ के रहने वाले जाहिद का यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया। जिसका शव आज उसके घर पहुंचा। परिजनों को शक है कि उसके साथ रह रहे लोगों ने उसे फंसा दिया। पिछले 10-15 दिनों से कई बार यूपी पुलिस जाहिद के घर आ चुकी थी।
यूपी के गाजीपुर जिले के दिलदारनगर-जमानिया मार्ग पर गोपालपुर गांव के पास मुठभेड़ में मारे गये जाहिद का शव मंगलवार की देर रात फुलवारीशरीफ स्थित उसके आवास पर पहुंचा। मुठभेड़ की खबर मिलते ही उसके परिजन और रिश्तेदार घर पर जुटे थे। परिवार के लोगों ने कहा कि आरपीएफ जवानों की हत्या में जाहिद का नाम कैसे आया, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। परिजनों को शक है कि उसके साथ रह रहे लोगों ने उसे फंसा दिया। पिछले 10-15 दिनों से कई बार यूपी पुलिस जाहिद के घर आ चुकी थी। चार दिन पूर्व जाहिद पटना के चितकोहरा में ही था।
परिजनों का आरोप है कि यूपी पुलिस स्थानीय पुलिस को जानकारी दिये बगैर ही जाहिद को ले गई। परिजनों का कहना है कि मंगलवार की अहले सुबह यूपी पुलिस फुलवारी पुलिस के साथ घर पर आयी और जाहिद के मंझले भाई पिंटू को लेकर जा रही थी। इसके बाद फुलवारी थाने में पिंटू को जाहिद की पहचान के लिए ले जाने की बात लिखवाई गई। इसी बीच पता चला कि जाहिद का एनकाउंटर हुआ है। कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने के लिए पुलिस उसके भाई को ले गई थी।
जाहिद के पिता मूल रूप से पालीगंज के रहले वाले हैं। वह तीन भाई और चार बहनों में छोटा था। बड़ा भाई अबाबील और मंझला भाई पिंटू सब्जी बिक्रेता है। जाहिद की एक बहन की शादी होने वाली थी। वह परिवार वालों से अलग हारूण नगर सेक्टर टू में किराये के मकान में पत्नी के साथ रहता था। जाहिद की मुठभेड़ में मारे जाने की खबर मिलने के बाद मां, बहन व अन्य परिवार वालों का रो-रोकर हाल बुरा था। लेकिन कोई भी कुछ कहने से बच रहा था।
वहीं जाहिद की मुठभेड़ में मारे जाने की खबर मिलने के बाद कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं। कुछ लोगों ने दबे जुबान में कहा कि जाहिद शराब का धंधा करता था। इस मामले में जेल भी जा चुका है। फुलवारीशरीफ थानेदार ने कहा कि जाहिद पर कोई बड़ा अपराधिक मामला नहीं मिला है। शराब संबंधित कुछ मामले सामने आये हैं।
