बख्तियारपुर-ताजपुर महासेतु के स्पैन गिरने की वजह आई सामने, डिप्टी CM विजय सिन्हा ने सब क्लीयर कर दिया

बख्तियारपुर-ताजपुर महासेतु के स्पैन गिरने की वजह आई सामने, डिप्टी CM विजय सिन्हा ने सब क्लीयर कर दिया


समस्तीपुर में बख्तियारपुर- ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु के स्पैन गिरने की वजह डिप्टी सीएम विजय सिन्हा बताई। उन्होने कहा कि जंग लगी बियरिंग बदलने के दौरान गर्डर पलट गया था। ये कोई तकनीकी खामी नहीं है। बल्कि बियरिंग बदलने के दौरान घटना घटी।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाMon, 23 Sep 2024 02:03 PM
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समस्तीपुर में बख्तियारपुर- ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु के स्पैन के गिरने को लेकर खड़े हो रहे सवालों के बीच उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा इसकी बताई। उन्होने कहा कि यह घटना किसी तकनीकी खामी की वजह से नहीं बल्कि बियरिंग बदलने की आरंभिक प्रक्रिया के दौरान घटी। सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना 2011 में प्रारंभ हुई, लेकिन परियोजना पर संवेदक द्वारा धीमी गति से काम करने तथा अन्य कारणों की वजह से एकरारनामा को 2020 में ही रद्द कर दिया गया था।

फिर आगे चलकर राज्य सरकार की पहल पर 10 जनवरी 2023 को पूरक एकरारनामा जारी कर निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ किया गया था। संदर्भित रेलवे ऊपरी पुल का गर्डर एकरारनामा रद्द होने के पहले ही कास्ट कर दिया गया था। लेकिन डेक स्लैब कास्ट नहीं हो पाने के कारण खुले वातावरण के प्रभाव से बियरिंग में जंग लगने की बात कंडीशन सर्वे के दौरान संज्ञान में आयी थी। बीते दिनों जंग से प्रभावित बियरिंग को बदलने की प्रारंभिक कार्रवाई की जा रही थी। जिसके कारण दाहिने ओर का एक गर्डर उलट गया।

आपको बता दें रविवार की शाम रेल लाइन के उत्तरी हिस्से में दो पिलरों पर अवस्थित स्पैन धराशायी हो गया था। जिससे पुल की गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान लग गया था। आपको बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बख्तियारपुर – ताजपुर गंगा महासेतु की आधारशिला रखी थी। लगभग 45 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ एवं 5.575 किलोमीटर लंबे नदी पुल के निर्माण में कुल 1603 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं।

 अब तक पुल का लगभग 60 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। जिसमें लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इस पुल का निर्माण वर्ष 2016 में ही हो जाना था। लेकिन वर्ष 2024 में भी यह कार्य पूरा नहीं हो सका है। महासेतु के निर्माण में 307.50 करोड़ रूपए राज्य सरकार द्वारा और 277.50 करोड रुपए केंद्र सरकार द्वारा खर्च किए जाने हैं।

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