‘जेडीयू में रहते हुए जो लोग पार्टी का…’, भूमिहार वाले बयान पर मंत्री अशोक चौधरी की सफाई

‘जेडीयू में रहते हुए जो लोग पार्टी का…’, भूमिहार वाले बयान पर मंत्री अशोक चौधरी की सफाई


जहानाबाद में भूमिहारों पर दिए गए अपने बयान पर मंत्री अशोक चौधरी ने सफाई दी है। और कहा कि किसी जाति विशेष की भावना को ठेस नहीं पहुंचाई है। उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। चौधरी ने कहा कि मेरे कहने का अर्थ यह था, कि जेडीयू में रहते हुए जो लोग पार्टी का साथ नहीं दिए हम उनकी बात बोल रहे हैं। जो पार्टी के लोग है, जिनको ताकत दी है, जो पार्टी में भविष्य में आगे बढ़ना चाहते हैं। हम उनके बारे में बात कर रहे थे कि वो लोग अपनी ताकत क्यों नहीं लगाए। हम को 5% या 10% ही वोट आता। तो हमको लगता न कि हमारे लोग लगे हुए हुए हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि हम संगठन के आदमी है। जिसे सिंबल नहीं मिलता वो एक जाति का होता है। सिंबल के बाद वो पार्टी का आदमी होता है। पार्टी को भी अगर जाति में बांटिएगा तो ठीक नहीं हैं।

अशोक चौधरी ने कहा कि भूमिहारों को अच्छे से जानते हैं। यह बात मैंने उस संदर्भ में कही थी कि भूमिहार लोग मेरे पिता और श्री बाबू (बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह ) के साथ हैं। मेरे पिता जी को श्री बाबू ने पढ़ाया। पहली बार प्रदेश में पढ़ाई के लिए 25 लाख का मुख्यमंत्री अनुदान मेरे पिता को श्री बाबू ने दिया। उन्होने मेरे पिता से कहा था कि लॉ कभी मत छोड़ना, राजनीति का कोई ठिकाना नहीं है। तुम हाईकोर्ट में जाकर प्रैक्टिस भी करो। मेरा भाव था कि हम भूमिहारों को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। हमने ये भी कहा कि हम अपनी बेटी का भूमिहार समाज में ब्याह किए हैं। किशोर कुणाल से कोई बड़ा भूमिहार है क्या? तो ये समाज के प्रति हम अच्छी बात बोल रहे हैं कि बुरी बात बोल रहे हैं।

हम तो ये भी कहते हैं कि ललन बाबू को लोगों ने मुंगेर में भूमिहार बना दिया। उनको चंद्रवंशी बना दिया। वहां अति पिछड़ा वोट नहीं किया। जीवन भर मंडल कमीशन से लेकर नीतीश कुमार के समता काल तक ललन बाबू पिछड़ा- अति पिछड़ा के लिए लड़ते रहे। हम उस भावना के खिलाफ बोल रहे हैं। लेकिन कु छ लोग तो हमें शंकराचार्य समझ लिए हैं।

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दरसअल जहानाबाद में भूमिहार को लेकर अशोक चौधरी ने कहा था कि कुछ लोग जात-पात की राजनीति करते है क्या नीतीश कुमार ने ऐसा किया कि जहां भूमिहार का गांव होगा वहां सड़क नहीं बनेगी। लेकिन जब आप अतिपिछड़ा को बनाते हैं तो भूमिहार लोग भाग जाते हैं, कहते हैं हम वोट नहीं देंगे। जो लोग कलकत्ता, दिल्ली, मंबई घूम रहे थे वो चाहते हैं कि विधानसभा पहुंच जाएंगे तो यह गलत बात है।

अशोक चौधरी ने कहा कि भूमिहार को अच्छे से जानते हैं, उनकी तो बेटी की शादी भूमिहार से हुई है। अशोक चौधरी के इस बयान के बाद उनकी खुद की पार्टी में ही बवाल खड़ा हो गया। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि किसी जाति विशेष पर वोट नहीं देने का आरोप लगाना अनुचित हैं। साथ ही सवाल किया कि कटिहार में जदयू उम्मीदवार कैसे हार गए, वहां के प्रभारी तो अशोक चौधरी ही थे। उन्हें इस पर सफाई देनी चाहिए।

वहीं इस मामले पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि अशोक चौधरी का बयान हमने नहीं सुना है। लेकिन भूमिहार एक जाति नहीं, एक कल्चर है। यह कल्चर भूमि से जुड़ने का, जमीन पर रहने का है। जमीनी हकीकत जानने की ताकत आज भी उसी को है, जो जमीन से जुड़ा है। जाति की बात करने वाले, जाति की राजनीति करने वाले न जमात के हितैषी हैं, और ना राष्ट्र के हितैषी हैं। इस तरह की मानसिकता पढ़ा-लिखा व्यक्ति नहीं रख सकता है। सबकी एक ही जाति है, वो है मानव जाति। मानवता की रक्षा के लिए सबको मिलकर काम करना चाहिए। सबका सम्मान करना चाहिए।

आपको बता दें लोकसभा चुनाव में जहानाबाद सीट से आरजेडी प्रत्याशी सुरेंद्र प्रताप यादव जीते थे, और जेडीयू प्रत्याशी चंद्रश्वेर प्रसाद दूसरे नंबर पर रहे थे। राजद के सुरेंद्र प्रताप को 443035 और जदयू के चंद्रेश्वर को 300444 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीएसपी के अरुण कुमार रहे थे।

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