गांव डूबे और घरों में पानी, अब कटाव के खतरे से उड़ी लोगों की नींद; बिहार में बाढ़ से कहां-कैसे हालात, बिहार न्यूज़

गांव डूबे और घरों में पानी, अब कटाव के खतरे से उड़ी लोगों की नींद; बिहार में बाढ़ से कहां-कैसे हालात, बिहार न्यूज़


Flood In Bihar: कोसी, कमला, गंडक और बागमती का चरित्र है कि पानी कम होता है तो कटाव तेज होता है। उतरता पानी तटबंधों से टकराकर उसे कमजोर करता है और गांव के गांव को बाढ़ की चपेट में लाता है। कोसी में 56 वर्षों के बाद तो गंडक में 21 वर्षों के बाद इतना पानी आया।

Flood In Bihar: रविवार की देर शाम नेपाल में बारिश की रफ्तार कम होने से नदियों के उफान में भी कमी आनी शुरू हो गयी है। रिकॉर्ड बनाकर रविवार को ही कोसी और गंडक बराजों पर नीचे आने लगी है। इसके जलस्तर में कमी होना प्रारंभ हो गया है। लेकिन अगले 48 घंटे अभी भी अहम हैं। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी वीरपुर बराज पर रविवार की सुबह 5 बजे 6.61 लाख क्यूसेक को पार कर गयी। 1968 में कोसी वीरपुर बराज पर 7.88 लाख क्यूसेक पर पहुंची थी। वहीं, गंडक नदी शनिवार की रात 10 बजे 5.62 लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच गयी।

नेपाल से पानी का आना कम हुआ है, यह राहत की बात है। लेकिन, अभी खतरा कम नहीं हुआ है। क्योंकि जो लाखों क्यूसेक पानी आ चुका है वह कई जगह ऊपर से बह रहा है। कोसी, कमला, गंडक और बागमती का चरित्र है कि पानी कम होता है तो कटाव तेज होता है। उतरता पानी तटबंधों से टकराकर उसे कमजोर करता है और गांव के गांव को बाढ़ की चपेट में लाता है। कोसी में 56 वर्षों के बाद तो गंडक में 21 वर्षों के बाद इतना पानी आया।

कोसी में 1968 के बाद तो गंडक में 2003 के बाद जलस्राव का रिकार्ड बना। शनिवार की सुबह से दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई। यह वृद्धि रविवार की सुबह तक जारी रही। इस दौरान 24 घंटे तक दोनों नदियों के जलस्तर में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई। इसके बाद कई स्थानों पर तटबंधों में रिसाव शुरू हो गया। लेकिन, युद्धस्तर पर उसे नियंत्रित किया गया। कोसी सुपौल से कटिहार तक तो गंडक नदी चंपारण से वैशाली तक तेजी से बढ़ रही है। महानंदा किशनगंज से कटिहार तक तो बागमती नेपाल से मुजफ्फरपुर तक उफान पर है। इधर जो पानी आ गया है, उससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यही नहीं तटबंधों के ऊपर तक पानी पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में कई गांवों में लोगों की परेशानी बढ़ गयी है।

कहां-कैसे हालात

सीतामढ़ी: 50 हजार की आबादी प्रभावित, बैरगनिया में रिंग बांध से हो रहा रिसाव,सीतामढ़ी में एनएच 227 पर चढ़ा बाढ़ का पानी

मधुबनी: मधेपुर की एक लाख की आबादी घिरी, हजारों घरों में पानीझंझारपुर में कमला बलान लाल निशान पार, पुल का गाडर डूबा

दरभंगा: घनश्यामपुर के 10 गांवों में घुसा कमला बलान का पानी

प. चंपारण: वीटीआर में घुसा पानी, रिहायशी इलाके में आ रहे पशु

यहां भी परेशानी

● नरकटियागंज में पानी पुल पर चढ़ा, आवागमन ठप

● सुपौल-सहरसा में कोसी तटबंध के भीतर के गांव डूबने लगे

● पश्चिमी तटबंध में कई जगहों पर पानी का रिसाव जारी, राहत और बचाव का काम शुरू

● कटिहार में महानंदा नदी में उफान, कई गांवों में घुसा पानी

● गोपालगंज और मांझा प्रखंड के 12 गांवों में फैला पानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *